ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज के अपने तीसरे मैच में एडीलेड में भारत ने चार विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की। यह जीत इस मायने में खास है कि अभी कुछ दिनों पहले तक टेस्ट क्रिकेट में हार के चलते टीम इंडिया लगातार आलोचनाओं का शिकार हो रही थी। क्रिकेट पंडित कह रहे थे कि टीम इंडिया जीतना भूल गई है।
पिछले मैच में भारत ने श्रीलंका को शिकस्त दी,लेकिन क्रिकेट पंडित इस जीत को जीत नहीं मान रहे थे। अब इस जीत के बाद वे यकीनन कह पाएंगे कि भारतीय टीम को बाजी जीतना आता है।
दरअसल, जब बात टीम की होती है,तो भारतीय टीम की टीम भावना पर ही लोग कई सवाल उठाने लगते हैं। टीम के सफल होने के लिए एकजुटता कितनी जरूरी है पर्थ टेस्ट में भारत की शर्मनाक पराजय पर अपने ब्लॉग पर हमने इस बारे में लिखा था। शायद फिल्म 'चक दे इंडिया' से टीम इंडिया ने सीख ही लिया।
एडीलेड में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को किसी भी वन डे में हराया है। इसलिए यह जीत कुछ ज्यादा ही अहमियत रखती है।
सुरेश रैना,रोहित शर्मा सभी ने भरपूर योगदान दिया। सुरेश रैना मैच के जिस मोड पर आउट हुए,उससे पहले ऐसा लग रहा था कि वे अकेले ही दम पर भारत को जीत दिला देंगे।
अनहोनी को होनी करने में माहिर धौनी ने भले ही धीमी शुरुआत की लेकिन वे यह जानते थे कि टीम की नैया पार लगाने के लिए उनको मैच के आखिर तक डटे रहना होगा। आखिरी ओवर में टीम को जीत के लिए जब 13 रन चाहिए थे तो धौनी का लगाया लंबा छक्का हैरत में डालने वाला नहीं था।
धौनी अपनी ऊर्जा को इसी फाइनल फिनिश के लिए बचा कर रख रहे थ्ो और फिर वही हुआ धोनी ने धो डाला और टीम इंडिया ने एडीलेड में वह करिश्मा कर दिखाया,जिसकी मैच से पहले क्रिकेट के जानकार नकार रहे थे।
सच तो यह है कि इस मैच में खिलाडियों की बॉडी लैंग्वेज से कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि टीम में कोई बिखराव है,बल्कि सभी ने इस जीत के लिए जान लगा दी। जो जीता वही सिकंदर। ऑस्ट्रेलियाई चूक गए और हमने चक दिया। सचमुच एकता में बल है।
भारतीय टीम कागजों में ही मजबूत नहीं है,बल्कि वह मैदान पर भी मजबूत है। बस जरूरत इस बात की है कि वह क्लिक करे एकजुटता की भावना के साथ क्योंकि किसी भी टीम के जीतने के लिए टीम का हर एक प्लेयर जरूरी होता है............
मुनमुन भाई लगता है कि आपके लेख "चक दे इंडिया" को भारतीय टीम ने पढ़ डाला और इसे पढ़कर आस्ट्रेलिया की टीम को धो डाला.
जवाब देंहटाएंअच्छा है लिखते रहिए...